
फुटबॉल विश्व कप के फाइनल में रविवार को फ्रांस और क्रोएशिया की टीमें आमने-सामने होंगी। क्रोएशिया पहली तो फ्रांस 20 साल बाद खिताबी मुकाबले में पहुंचा है। दोनों ही टीमों के प्रदर्शन से फुटबॉल प्रशंसक काफी प्रभावित हैं। यही नहीं, दोनों के खिलाड़ियों के जीवन की कहानियां भी काफी रोचक हैं। फ्रांस की टीम में 78.3% खिलाड़ी शरणार्थी परिवारों से संबंध रखते हैं, जबकि देश की आबादी में उनका हिस्सा महज 6.8 फीसदी ही है। वहीं, क्रोएशिया की टीम में भी 15.4 फीसदी खिलाड़ी ऐसे हैं, जो देश के बाहर पैदा हुए। टीम के कप्तान लुका मोड्रिच का पालन-पोषण एक शरणार्थी शिविर में ही हुआ।
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